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21. | THE CHOLA AND THE LATER PANDYA SERIES The Brihadisvara temple at Thanjavur closely followed by the Brihadisvara at Gangaikondacholapuram -LRB- Tiruchirapalli district -RRB- mark the acme of the southern vimana architecturein magnitude , quality of design , technique and embellishment . चोल और परवर्ती पांड्य शृंखला तंजावुर सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थित बृहदीशऋ-ऊण्श्छ्ष्-वर मंदिक और उसका ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-काल अनुवर्ती गंगैकोंडाचोलपुरम ह्यतिरूचिरापलऋ-ऊण्श्छ्ष्-ली ऋलाहृ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थित वृहदीशऋ-ऊण्श्छ्ष्-वर मह | |
22. | Incidentally it carries the famous inscription of the twelfth and fourteenth years of Parantaka I Chola -LRB- AD 919-921 -RRB- , laying down the rules and conditions for eligibility in elections to and the manner of the constitution of the village assemblyperhaps the earliest inscription known as relating to elections to the village administrative bodies . संयोगवश , इस पर परंतक प्रथम चोल ( 919-921 ) के बारहवें और चौदहवें वर्ष का प्रसिद्ध शिलालेख है , जिसमें ग्राम सभा के गठन की विधि और निर्वाचन की अर्हता के लिए नियम और शर्ते लिखी गई हैं-यह शालद ग्राम की प्रशासकीय संस्था में निर्वाचन से संबंधित पहला ज्ञात शिलालेख है . | |
23. | Thus their temples in their northern domains in the Deccan , Andhra and Karnataka regions retain much that was of Chalukyan-Hoysala-Kakatiya inspiration , while their more southern constructions in Tamil Nadu and southern Kerala continued the traits of the Pallava-Chola-Pandya architecture . इसलिए , दक्षिण में उनकी उत्तरी अधिकार क्षेत्र , आंध्र और कर्नाटक क्षेत्रों में उनके मंदिरों ने चालुक़्यों , हायसलों , काकतीयागें से प्रेरित बहुत कुछ बचा रखा , जबकि तमिलनाडु और दक्षिणी केरल में उनके अधिकतर दक्षिणी निर्माणों ने पल्लव चोल पाड्यं वास्तुशिल्प की विशेषताओं को अविच्छिन्न रखा . | |
24. | This magnum opus of the Cholas started in 1003 , and still incomplete in a few of its details , was closely followed , within about twenty years , by another magnificent Chola structure , also called the Brihadisvara , built almost on the same plan and design by Rajendra I Chola -LRB- 1012-1014 -RRB- , the great son and worthy successor of Rajaraja . चोलों की यह भव्य रचना सन् 1003 में आरंभ हुई थी , और अपनी कुछ सूक्ष्मताओं की दृष्टि से यह अभी अपूर्ण ही थी कि बीस वर्ष के भीतर ही एक अन्य चोल संरचना का निर्माण आरंभ कर दिया गया और उसे भी बृहदीश्वर नाम दिया गया.इसका निर्माण राजराजा के महान पुत्र और योग़्य उत्तराधिकारी-राजेंद्र प्रथम चोल द्वारा उसी आयोजना और प्रतिमान पर करवाया गया . | |
25. | This magnum opus of the Cholas started in 1003 , and still incomplete in a few of its details , was closely followed , within about twenty years , by another magnificent Chola structure , also called the Brihadisvara , built almost on the same plan and design by Rajendra I Chola -LRB- 1012-1014 -RRB- , the great son and worthy successor of Rajaraja . चोलों की यह भव्य रचना सन् 1003 में आरंभ हुई थी , और अपनी कुछ सूक्ष्मताओं की दृष्टि से यह अभी अपूर्ण ही थी कि बीस वर्ष के भीतर ही एक अन्य चोल संरचना का निर्माण आरंभ कर दिया गया और उसे भी बृहदीश्वर नाम दिया गया.इसका निर्माण राजराजा के महान पुत्र और योग़्य उत्तराधिकारी-राजेंद्र प्रथम चोल द्वारा उसी आयोजना और प्रतिमान पर करवाया गया . | |
26. | Another feature found abandoned in the post-Pallava temples and earlier Chola temples , but persisting throughout in the Chalukyan series of temples , and found again in this temple , is the extension of the hara of kutas , solas and panjaras over the tops of the axial mandapas beyond the transept in front of the aditala . एक अन्य लक्षण जो पल्लवों के बाद के मंदिरों और आरंभिक चोल मंदिरों में छोड़ दिया गया , एक अन्य लक्षण जो पल्लवों के बाद के मंदिरों और आंरभिक चोल मंदिरों में छोड़ दिया गया , किंतु चालुक़्य श्रृंखलाके समस्त मंदिरों में बना रहा और पिर से इस मंदिर में पाया गया , वह है-आदितल के सामने अनुप्रस्थ मार्ग के आगे तक अक्षीय मंडपों के शीर्षो के ऊपर कूट , शाला और पंजरों के हार का विस्तार . | |
27. | Another feature found abandoned in the post-Pallava temples and earlier Chola temples , but persisting throughout in the Chalukyan series of temples , and found again in this temple , is the extension of the hara of kutas , solas and panjaras over the tops of the axial mandapas beyond the transept in front of the aditala . एक अन्य लक्षण जो पल्लवों के बाद के मंदिरों और आरंभिक चोल मंदिरों में छोड़ दिया गया , एक अन्य लक्षण जो पल्लवों के बाद के मंदिरों और आंरभिक चोल मंदिरों में छोड़ दिया गया , किंतु चालुक़्य श्रृंखलाके समस्त मंदिरों में बना रहा और पिर से इस मंदिर में पाया गया , वह है-आदितल के सामने अनुप्रस्थ मार्ग के आगे तक अक्षीय मंडपों के शीर्षो के ऊपर कूट , शाला और पंजरों के हार का विस्तार . | |
28. | The series of temples of this later Chola and later Pandya periods , terminated by the disruption brought about by the brief Muslim invasion and revival under the Vijayanagar empire of the south , often revert to the system of brick-building for the super-structural talas over the stone body of the vimanas and gopuras , the mandapas alone being wholly of stone . इस परवर्ती चोल और परवर्ती पांड्य काल के मंदिरों की श्रृंखला अल्पकालीन मुस्लिम आक्रमण के कारण आई बाधा से टूटी और फिर दक्षिकणि के विजयनगर साम्राज़्य के अंतर्गत पुनरूजीवित हुई.इस शृंखला में प्राय : पाषाण के बने विमानों और गोपुरों पर अधिसंरचनात्मक तलों के निर्माण के लिए ईटों का प्रयोग करने की पद्धति फिर से अपनाई गई , जबकि केवल मंडप पूर्ण रूप से पत्थर के ही बनते रहे . | |
29. | Among the temples with southern style vimanas , akin to those of the adjoining districts of Tamil Nadu , and more or less concentrated in the south Travancore and Kanyakumari regions , may be mentioned the Guhanathasvami temple of stone of Kanyakumari of the middle Chola period , with the superstructure lost ; the Parthivasekharapuram temple , four-storeyed with दक्षिणी त्रावणकोर और कनऋ-ऊण्श्छ्ष्-याकुमारी क्षेत्रों में संकेंद्रित तमिलनाडु के सलंगऋ-ऊण्श्छ्ष्-न ऋलों के मंदिरों के सादृशऋ-ऊण्श्छ्ष्-य , दक्षिणी शैली के विमानों से युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त मंदिरों में उलऋ-ऊण्श्छ्ष्-लेखनीय र्हैकनऋ-ऊण्श्छ्ष्-याकुमारी का मधऋ-ऊण्श्छ्ष्-य चोलकाल में निर्मित गुहनाढथ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वामी का पाषाण मंदिर , ऋसकी अधिरचना नषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट हो चुकी हैL परवर्ती चोल या पांड्यकाल का पाषाण के धडऋ पर ऋंट और गारे की अधिरचना युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त , चार मंऋला पार्थिवशेखरपुरम मंदिरL है . |
Posted on 20 Nov 2024, this text provides information on Words Starting With च in Hindi-English related to Hindi-English. Please note that while accuracy is prioritized, the data presented might not be entirely correct or up-to-date. This information is offered for general knowledge and informational purposes only, and should not be considered as a substitute for professional advice.
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