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21. | This is what I have dubbed the Sudden Jihad Syndrome, whereby normal-appearing Muslims abruptly become violent. It has the awful but legitimate consequence of casting suspicion on all Muslims. Who knows whence the next jihadi? How can one be confident a law-abiding Muslim will not suddenly erupt in a homicidal rage? Yes, of course, their numbers are very small, but they are disproportionately much higher than among non-Muslims. इसे मैंने जेहाद का आकस्मिक रोग कहा है , जहां सामान्य से दिखने वाले मुसलमान अचानक हिंसक हो उठते हैं. इसका अत्यंत बुरा लेकिन स्वाभाविक प्रभाव सामान्य मुसलमानों पर पड़ता है और वे भी संदेह के घेरे में आ जाते हैं. किसे पता कि अगला जेहादी कहां है. कोई कैसे आश्वस्त हो सकता है कि कानून का पालन करने वाला मुसलमान अचानक नरसंहारक तोड़-फोड़ में संलग्न नहीं हो जाएगा . निश्चित रुप से उनकी संख्या बहुत कम है लेकिन आनुपातिक रुप से मुसलमानों में उनकी संख्या गैर-मुसलमानों की तुलना में कहीं अधिक है . | |
22. | The vote had many consequences. It increased tensions between the AKP and the military. It upset the U.S. government; Paul Wolfowitz of the Defense Department dubbed the decision a “big, big mistake.” It prompted a reassessment among Turkey's American friends; William Safire wrote with dismay in The New York Times how the AKP had transformed a “formerly staunch U.S. ally into Saddam's best friend.” And it raised new fears about the AKP's covert militant Islamic agenda. इस मत के अनेक परिणाम होने वाले हैं। इससे सेना और ए के पी के मध्य तनाव बढ़ा। इससे अमेरिका सरकार विचलित हुई, रक्षा विभाग के पाल वोल्कोविज ने इस निर्णय को बड़ी भूल करार दिया। तुर्की के अमेरिका मित्र स्थितियों का नये सिरे से आकलन करने लगे और जैसा कि न्यार्क टाइम्स में विलियम सफायर ने अत्यन्त दुख के साथ लिखा कि किस प्रकार ए के पी ने अमेरिका के एक पूर्व घोर सहयोगी को सद्दाम का सबसे अच्छा मित्र बना दिया। उससे ए के पी के अप्रत्यक्ष उग्रवादी इस्लामी एजेन्डे को लेकर नये सिरे से भय सताने लगा। | |
23. | Gen. Ibrahim Firtina, a former head of the air force, was questioned in court about a plot to overthrow the government. The AKP devised an elaborate conspiracy theory in 2007, dubbed Ergenekon, to arrest about two hundred AKP critics, including military officers, under accusation of plotting to overthrow the elected government. The military responded passively, so the AKP raised the stakes on Jan. 22 by concocting a second conspiracy theory, this one termed Balyoz (“Sledgehammer”) and exclusively directed against the military. एकेपी ने वर्ष 2007 में एक व्यापक षडयंत्रकारी सिद्धांत निकाला जिसे एरगेनेकोन कहा गया और इस आधार पर एकेपी के लगभग दो सौ आलोचकों को गिरफ्तार किया जिसमें कि सेना के अधिकारी भी शामिल थे और उन पर आरोप था कि ये लोग चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करना चाहते हैं। सेना ने काफी निष्क्रिय रूप से इसका उत्तर दिया इसके बाद एकेपी ने 22 जनवरी को काफी कुछ दाँव पर लगाकर एक दूसरा षड्यंत्रकारी सिद्धांत प्रतिपादित किया और इसे बाल्योज या स्लेजेहमार कहा गया और इसे पूरी तरह सेना की ओर केंद्रित रखा गया। | |
24. | Understanding the rationale behind the old dictator-coddling policy makes clear the radicalism of this new approach. The old way noticed that the populations are usually more anti-American than are the emirs, kings, and presidents. Washington was rightly apprehensive that democracy would bring in more radicalized governments; this is what did happen in Iran in 1979 and nearly happened in Algeria in 1992. It also worried that once the radicals reached power, they would close down the democratic process (what was dubbed “one man, one vote, one time”). अधिनायकों का तुष्टीकरण करने की पुरानी नीति के पीछे के तर्क को समझते हुए इस नई सुधारवादी पहल को आसानी से समझा जा सकता है । पुराने आधार पर माना जा सकता था कि अमीरों , राजाओं और राष्ट्रपतियों की अपेक्षा जनता अधिक अमेरिका विरोधी होती है । वाशिंगटन को एकदम सही भय था कि लोकतंत्र से कहीं अधिक कट्टरपंथी तत्व सत्ता में आयेंगे और 1992 में अल्जीरिया और 1979 में ईरान में लगभग ऐसा ही हुआ । इससे एक चिंता और भी उभरी कि एकबार कट्टरवादी सत्ता में पहुंच गए तो वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया (जिसे एक व्यक्ति , एक समय में मत् माना जाता है ) को बंद कर देंगे । | |
25. | This compromise between Sharia and reality amounted to what I dubbed Islam's “ medieval synthesis ” in my book In the Path of God (1983). This synthesis translated Islam from a body of abstract, infeasible demands into a workable system. In practical terms, it toned down Sharia and made the code of law operational. Sharia could now be sufficiently applied without Muslims being subjected to its more stringent demands. Kecia Ali , of Boston University, notes the dramatic contrast between formal and applied law in Marriage and Slavery in Early Islam , quoting other specialists: इस्लाम में शरियत और वास्तविकता के मध्य इस समझौते को मैंने अपनी पुस्तक In the Path of God (1983) में मध्यकालीन संश्लेषण कहा है। इस संश्लेषण से इस्लाम एक अव्यावहारिक माँगों वाले से कामचलाऊ व्यवस्था में परिवर्तित हो गया। व्यावहारिक रूप में देखें तो इसने शरियत को नरम किया और विधि संहिता को उपयोगी बना दिया। अब शरियत को मुसलमानों पर सख्ती किये बिना भी लागू किया जा सकता था। बोस्ट्न विश्वविद्यालय के Kecia Ali अन्य विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए आरम्भिक इस्लाम में विवाह और गुलामी को लेकर औपचारिक कानून और लागू किये गये कानून के मध्य विरोधाभास को उल्लिखित किया है। | |
26. | Such optimism, unfortunately, has little foundation. Europeans could yet rediscover their Christian faith, have more babies, and cherish their own heritage. They could encourage non-Muslim immigration or acculturate the Muslims already among them. But such changes are not now underway, nor are their prospects good. Instead, Muslims are cultivating grievances and ambitions at odds with their indigenous neighbors. Worryingly, each generation appears more alienated than its predecessor. Canadian novelist Hugh MacLen dubbed his country's English-French split the “ Two Solitudes ”; one sees something similar, but far more pronounced, developing in Europe. Those polls of British Muslims for example, find that a majority of them perceive a conflict between their British and Muslim identities and want Islamic law instituted. एक बार सत्ता में आने के बाद राष्ट्रवादी दल बहुलवादी संस्कृति को निरस्त कर परम्परागत मूल्य स्थापित करने का प्रयास करेंगे। कोई भी उनके उद्देश्य और मुस्लिम प्रतिक्रिया के बारे में अनुमान लगा सकता है। पीटर्स के अनुसार इन फासीवादियों के क्रमिक विस्तार और उनमें से कुछ गुटों की हिंसक प्रवृत्ति के चलते मुस्लिम प्रतिक्रिया की अपेक्षा भी की जा सकती है। वे तो एक ऐसी स्थिति का चित्र भी खींचते हैं जहाँ अमेरिका की नौसेना के जहाज यूरोप से मुसलमानों के सुरक्षित निकास के लिये दूर-दूर तक तैनात होंगे। | |
27. | The late Oriana Fallaci observed that, with the passage of time, “Europe becomes more and more a province of Islam, a colony of Islam.” The historian Bat Ye'or has dubbed this colony “Eurabia.” Walter Laqueur predicts in his forthcoming Last Days of Europe that Europe as we know it is bound to change. Mark Steyn , in America Alone: The End of the World as We Know It , goes further and argues that much of the Western world “will not survive the twenty-first century, and much of it will effectively disappear within our lifetimes, including many if not most European countries .” Three factors - faith, demography, and a sense of heritage - argue for Europe being Islamized. मुस्लिम शासन- स्वर्गीय ओरियाना फलासी का आकलन था कि जैसे-जैसे समय बीतता जायेगा वैसे-वैसे यूरोप इस्लाम का प्रान्त और उपनिवेश बनता जायेगा। इतिहासकार बेट योर ने उपनिवेश को “ यूरेबिया” का नाम दिया। वाल्टर लाकर अपने आगामी Last days of Europe में कहते हैं कि जिस यूरोप को हम जानते हैं उसमें परिवर्तन होना स्वाभाविक है। मार्क स्टेयन ने America Alone: The End of the World As We Know It में इससे आगे बढ़कर भी कहा है पश्चिमी विश्व 21वीं शताब्दी तक बच नहीं पायेग और हमारे समय में यदि सब नहीं तो यूरोप के कुछ देश अवश्य अदृश्य हो जायेंगे। उनके अनुसार आस्था, भूजनांकिकी और विरासत के प्रति धारणा यूरोप का इस्लामीकरण करेगी। | |
28. | The U.N. secretary-general, Kofi An , expressed “dismay,” the U.N. Security Council uimously condemned it, and the European Union condemned it “in the strongest terms.” Prime Minister Martin of Canada deemed it “beyond the pale,” Prime Minister Blair of Britain expressed “revulsion,” and the French foreign minister, Philippe Douste-Blazy, announced that “for France, the right for Israel to exist should not be contested.” Le Monde called the speech a “cause for serious alarm,” Die Welt dubbed it “verbal terrorism,” and a London Sun headline proclaimed Ahmadinejad the “most evil man in the world.” संयुक्त राष्ट्रसंघ महासचिव कोफी अन्नान ने इस पर निराशा जताई तो संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद् ने एक स्वर से इसकी निंदा की तथा यूरोपियन संघ ने भी कड़े शब्दों में इसकी निंदा की .कनाडा के प्रधानमंत्री मार्टिन ने इसे सीमा रेखा लांघने वाला बताया . ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ब्लेयर की नजर में यह खौफनाक है.फ्रांस के विदेशमंत्री फिलिप दोस्ते ब्लेजे ने घोषणा की कि फ्रांस के लिए इजरायल का अस्तित्व टकराव का विषय नहीं है .ली मोन्डे ने इस भाषण को सतर्क होने वाला बताया Die welt ने इसे उच्चरित आतंकवाद बताया तथा लंदन सन् के समाचार शीर्षक में अहमदीनेजाद को विश्व का सबसे बुरा व्यक्ति कहा गया . इस बयान की निंदा करने वाले राज्यों में तुर्की , रुस और चीन भी शामिल हैं. ईरान के अग्रणी विरोधी गुट नेशनल काउंसिल ऑफ रेसिस्टेन्स ईरान के मरयाम रजावी ने यूरोपीय संघ से मांग की कि तेहारान को आतंकवाद और कट्टरपंथी हाइड्रा से मुक्ति दिलानी चाहिए. | |
29. | Leadership rather than reaction in setting the goals for an Arab-Israeli settlement. In June 2003, I dubbed Bush's revamping of U.S. policy to the Arab-Israeli conflict perhaps “the most surprising and daring step of his presidency.” Rather than leave it to the parties to decide on their pace, Bush came up with a timetable. Rather than accepting existing leaders, he sidelined Yasir Arafat. Rather than leaving it to the parties to define the final status, he made a Palestinian state the solution. Rather than keep himself out of negotiations until the very end, Bush inserted himself from the start. In contrast, Kerry would go back to the Oslo process and try again the tired and failed effort to win results by having the Israelis negotiate with Arafat. अरब इजरायल समाधान के लिए लक्ष्य निर्धारित करते समय प्रतिक्रिया के बजाए नेतृत्व - जून 2003 में मैंने बुश द्वारा अपने राष्ट्रपतिकाल के सबसे साहसिक और चौंकाने वाले कदम के रुप में अरब इजरायल संघर्ष के संबंध में अमेरिका की नीति के परिवर्तन की बात कही थी . शांति के विषय को संबंधित पक्षों पर छोड़ने के बजाए बुश ने समय सारिणी बनाई . उन्होंने अस्तित्व मान नेताओं को स्वीकार करने के स्थान पर यासर अराफात को किनारे लगा दिया. अंतिम स्थिति को परिभाषित करने का दायित्व पक्षों पर छोड़ने के स्थान पर उन्होंने फिलीस्तीनी राज्य को समाधान बताया .बातचीत में स्वयं को अंत में शामिल करने के बजाए उन्होंने शुरुआत में ही भाग लिया . इसके विपरीत केरी ओस्लो प्रक्रिया की ओर लौटेंगे तथा असफल हो चुके प्रयास के आधार पर इजरायल वासियों को परिणाम के लिए अराफात से बात-चीत को विवश करेंगे. बुश की इस पहल के संबंध में मेरी असहमति है और वह भी विशेष रुप से राष्ट्रपति की अरब-इजरायल संघर्ष की उनकी समझ . |
Posted on 15 Nov 2024, this text provides information on Words Starting With D in English-Hindi related to English-Hindi. Please note that while accuracy is prioritized, the data presented might not be entirely correct or up-to-date. This information is offered for general knowledge and informational purposes only, and should not be considered as a substitute for professional advice.
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