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छूटा या बचा हुआ:"इन परिशिष्ट पन्नों को भी आप पुस्तक में छपवा दीजिए" |
किसी पुस्तक का वह अतिरिक्त अंश जिसमें कुछ ऐसी बातें दी गई हों जिनसे उनकी उपयोगिता अथवा महत्व बढ़ता हो:"पुस्तक का परिशिष्ट पढ़कर ही जगन ने उसे खरीद लिया" Synonyms: ज़मीमा, जमीमा, | |
किसी पुस्तक, लेख आदि का वह अंतिम भाग जिसमें वे आवश्यक या उपयोगी बातें रहती हैं जो पहले अपने स्थान पर न आ सकी हों:"शिक्षक का ध्यान अचानक परिशिष्ट की ओर गया" Synonyms: अनुपूरक, |
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1. | The yearwise number and duration of Lok Sabha sittings from the first to the ninth Lok Sabha period is given in Anriexure 5.1 at the end of this chapter . पहली से नवीं लोक सभा के कार्यकाल में लोक सभा की बैठकों की वर्षवार संख़्या तथा समयावधि इस अध्याय के अंत में परिशिष्ट 5.1 में दी गई है . | |
2. | He appended to it a tribute to Ramalinga and an account of his life and of the manner of publication of the book , in a poem consisting of sixty-six verses . परिशिष्ट में उन्होंने रामलिंग की प्रशंसा करते हुए उनके जीवन का विवरण दिया है.पुस्तक के प्रकाशन की अवस्थाओं की चर्चा भी है1 यह सब उन्होंने छियासठ पदों के लम्बे काव्य में कहा है . | |
3. | Anexure 3.1 at the end of this chapter shows the time spent -LRB- percentages -RRB- on different Constituent -LRB- Amending the Constitution -RRB- Role : Under Art , 368 of the Constitution , which is the specific provision dealing with the amendment of the Constitution , Parliament is the repository of the constituent power of the Union . 16 इस अध्याय के अंत में परिशिष्ट 3.1 में दिखाया गया है कि लोक सभा न विभिन्न प्रकार के कार्यों पर कितना समय ( प्रतिशत ) खर्च किया . संविधायी भूमिका ( संविधान में संशोधन करना ) : संविधान के अनुच्छेद 368 के अधीन , जिसमें संविधान में संशोधन संबंधी विशिष्ट उपबंध किया गया , संघ की संविधायी शक़्ति | |
4. | ” That you being the editor of the paper young India on or about 29th day of September , 1921 , the 15th day of December , 1921 and the 23rd day of February , 1922 at Ahmedabad did write the words contained in the appendix to this charge and by these written words did bring or attempt to bring into hatred or contempt or did excite or did attempt to excite disaffection towards His Majesty or the government established by law in British India and thereby committed offences punishable under Section 124-A of the Indian Penal Code and within the cognisance of the Court of Sessions . ” कि तुमने ' यंग इंZडिया ' के संपादक होते हुए , 29 सितंबर 1921 , 15 दिसंबर 1921 और 23 फरवरी 1922 को अहमदाबाद में , इस अभियोग के परिशिष्ट में दिये गये शब्दों को लिखा और इन लिखित शब्दों द्वारा महामहिम सम्राट या ब्रिटिश भारत में कानूनतः स्थापित सरकार के खिलाफ घृणा और तिरस्कार की भावना जगाई या जगाने का प्रयास किया और राजद्रोह भड़काया या भड़काने का प्रयास किया.भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अंतर्गत और सेशन कोर्ट के न्यायाधिकार के भीतर दंडनीय अपराध किया . | |
5. | The Sessions Judge charged them as follows : ” That you , Mohandas Karamchand Gandhi , being the editor of the paper Young India , on or about the 29th day of September , 1921 , the 15th day of December , 1921 and the 23rd day of February , 1922 at Ahmedabad did write the words contained in the appendix to this charge and by these written words did bring or attempt to bring into hatred or contempt or did excite or did attempt to excite disaffection towards His Majesty or the government established by law in British India and you , Shankerlal Ghelabhai Banker , being the printer of the paper Young India , on or about the 29th day of September , 1921 , the 15th day of December , 1921 and the 23rd day of February , 1922 at Ahmedabad did print the words contained in the appendix to this charge and by these written words did bring or attempt to bring into hatred or contempt or did excite or attempted to excite disaffection towards His Majesty or the government established by law in British India and thereby you committed offence punishable under Section 124-A of the Indian Penal Code and within the cognisance of thi सेशन जज ने उन पर ये आरोप लगाये : “ कि , मोहनदास करमचंद गांधी , तुमने ' यंग इंडिया ' के संपादक होते हुए , 29 सितंबर 1921 , 15 सितंबर 1921 और 23 फरवरी 1922 को , अहमदाबाद में , इस अभियोग के परिशिष्ट में दिये गये शब्दों को लिखा और इन लिखित शब्दों द्वारा महामहिम सम्राट या ब्रिटिश भारत में कानूनतः स्थापित सरकार के खिलाफ घृणा और तिरस्कार की भावना जगाई या जगाने का प्रयास किया और राजद्रोह भड़काया या भड़काने का प्रयास किया.शंकरलाल घेलाभाई बैंकर , तुमने ' यंग इंडिया ' के प्रकाशक होते हुए , 29 सितंबर 1921 , 15 सितंबर 1921 और 23 फरवरी 1922 को , अहमदाबाद में इस अभियोग के परिशिष्ट में दिये गये शब्दों को प्रकाशित किया और इन लिखित शब्दों द्वारा महामहिम सम्राट या ब्रिटिश भारत में कानूनतः स्थापित सरकार के खिलाफ घृणा और तिरस्कार की भावना जगाई या जगाने का प्रयास किया और राजद्रोह भड़काया या भड़काने का प्रयास किया.इस तरह तुम दोनों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अंतर्गत और इस अदालत के न्यायाधिकार के भीतर दंडनीय अपराध किया . ” | |
6. | The Sessions Judge charged them as follows : ” That you , Mohandas Karamchand Gandhi , being the editor of the paper Young India , on or about the 29th day of September , 1921 , the 15th day of December , 1921 and the 23rd day of February , 1922 at Ahmedabad did write the words contained in the appendix to this charge and by these written words did bring or attempt to bring into hatred or contempt or did excite or did attempt to excite disaffection towards His Majesty or the government established by law in British India and you , Shankerlal Ghelabhai Banker , being the printer of the paper Young India , on or about the 29th day of September , 1921 , the 15th day of December , 1921 and the 23rd day of February , 1922 at Ahmedabad did print the words contained in the appendix to this charge and by these written words did bring or attempt to bring into hatred or contempt or did excite or attempted to excite disaffection towards His Majesty or the government established by law in British India and thereby you committed offence punishable under Section 124-A of the Indian Penal Code and within the cognisance of thi सेशन जज ने उन पर ये आरोप लगाये : “ कि , मोहनदास करमचंद गांधी , तुमने ' यंग इंडिया ' के संपादक होते हुए , 29 सितंबर 1921 , 15 सितंबर 1921 और 23 फरवरी 1922 को , अहमदाबाद में , इस अभियोग के परिशिष्ट में दिये गये शब्दों को लिखा और इन लिखित शब्दों द्वारा महामहिम सम्राट या ब्रिटिश भारत में कानूनतः स्थापित सरकार के खिलाफ घृणा और तिरस्कार की भावना जगाई या जगाने का प्रयास किया और राजद्रोह भड़काया या भड़काने का प्रयास किया.शंकरलाल घेलाभाई बैंकर , तुमने ' यंग इंडिया ' के प्रकाशक होते हुए , 29 सितंबर 1921 , 15 सितंबर 1921 और 23 फरवरी 1922 को , अहमदाबाद में इस अभियोग के परिशिष्ट में दिये गये शब्दों को प्रकाशित किया और इन लिखित शब्दों द्वारा महामहिम सम्राट या ब्रिटिश भारत में कानूनतः स्थापित सरकार के खिलाफ घृणा और तिरस्कार की भावना जगाई या जगाने का प्रयास किया और राजद्रोह भड़काया या भड़काने का प्रयास किया.इस तरह तुम दोनों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अंतर्गत और इस अदालत के न्यायाधिकार के भीतर दंडनीय अपराध किया . ” |
Posted on 31 Oct 2024, this text provides information on Words Starting With प in Hindi-English related to Hindi-English. Please note that while accuracy is prioritized, the data presented might not be entirely correct or up-to-date. This information is offered for general knowledge and informational purposes only, and should not be considered as a substitute for professional advice.
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